राम-जनार्दन मंदिर
राम-मंदिर में भगवन राम , लक्ष्मण और सीता और जनार्दन-मंदिर में जनार्दन-विष्णु की रचना सत्रहवीं शताब्दी की है। दोनों मंदिर अपनी संरचनात्मक कला की दृष्टि से आकर्षक रूप प्रस्तुत करते हैं। इन मंदिरों का निर्माण राजा जयसिंह ने सत्रहवीं शताब्दी में करवाया था। अठारहवीं शताब्दी में मराठा काल में बाद में चारदीवारी और टैंक को जोड़ा गया था। दोनों मंदिरों की दीवारों पर मराठा चित्रों के सुंदर उदाहरण देखने को मिलते हैं। जनार्दन मंदिर के सामने दोनों मंदिरों के साथ-साथ तालाब के पास कुछ पुराने चित्र स्थापित देखे गए हैं जो मूर्तिकला की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। तालाब के पास गोवर्धनधारी कृष्ण की छवि ग्यारहवीं शताब्दी की है। असेम्बली हॉल और राम-मंदिर के इंटीरियर के बीच स्थापित विष्णु की छवियां दसवीं शताब्दी की हैं और ब्रह्मा, विष्णु और महेश की छवियां बारहवीं शताब्दी ईस्वी की हैं।
कैसे पहुंचें:
वायु मार्ग
निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा इंदौर (53 किमी)। यहाँ से दिल्ली, मुंबई, पुणे, जयपुर, हैदराबाद और भोपाल की नियमित उड़ानें हैं।
ट्रेन द्वारा
उज्जैन पश्चिम रेलवे जोन का एक रेलवे स्टेशन है। यहाँ का UJN कोड है । यहाँ से कई बड़े शहरों के लिए ट्रेन उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग
नियमित बस सेवाएं उज्जैन को इंदौर, भोपाल, रतलाम, ग्वालियर, मांडू, धार, कोटा और ओंकारेश्वर आदि से जोड़ती हैं। अच्छी सड़कें उज्जैन को अहमदाबाद (402 किलोमीटर), भोपाल (183 किलोमीटर), मुंबई (655 किलोमीटर), दिल्ली से जोड़ती हैं। (774 किलोमीटर), ग्वालियर (451 किलोमीटर), इंदौर (53 किलोमीटर) और खजुराहो (570 किलोमीटर) आदि।